सीमेंस इंडिया को मिला 9000 hp वाले इलेक्ट्रिक इंजन की मैन्यूफैक्चरिंग और मेनटेनेंस का ठेका, दामोद में बनेंगे लोकोमोटिव
Indian Railways: भारतीय रेलवे ने सीमेंस इंडिया (Siemens India) को मालगाड़ी के 9000 हॉर्स पॉवर के इलेक्ट्रिक इंजन की मैन्यूफैक्चरिंग और मेनटेनेंस के लिए ठेका किया है. दाहोद में रेलवे कारखाना 11 सालों की अवधि में 1200 हाई हॉर्स पॉवर (9000 hp) के इलेक्ट्रिक इंजन का निर्माण करेगा.
सीमेंस इंडिया को मिला 9000 hp वाले इलेक्ट्रिक इंजन की मैन्यूफैक्चरिंग और मेनटेनेंस का ठेका, दामोद में बनेंगे लोकोमोटिव (Ministry of Railways)
सीमेंस इंडिया को मिला 9000 hp वाले इलेक्ट्रिक इंजन की मैन्यूफैक्चरिंग और मेनटेनेंस का ठेका, दामोद में बनेंगे लोकोमोटिव (Ministry of Railways)
भारतीय रेलवे ने सीमेंस इंडिया (Siemens India) को मालगाड़ी के 9000 हॉर्स पॉवर के इलेक्ट्रिक इंजन की मैन्यूफैक्चरिंग और मेनटेनेंस के लिए ठेका किया है. दाहोद में रेलवे कारखाना 11 सालों की अवधि में 1200 हाई हॉर्स पॉवर (9000 hp) के इलेक्ट्रिक इंजन का निर्माण करेगा. इस कारखाने में 1200 लोकोमोटिव का निर्माण और 35 सालों तक इन इंजनों का मेनटेनेंस किया जाएगा. टैक्स और मूल्य भिन्नता को छोड़कर, ठेके का अनुमानित मूल्य करीब 26,000 करोड़ रुपये (लगभग 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर) है.
दामोद में होगा इंजनों का निर्माण
ठेका जारी होने के 30 दिनों के भीतर सीमेंस इंडिया के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. आने वाले 2 सालों में प्रोटो-टाइप इंजन डिलीवर किए जाने हैं. इन इंजनों के निर्माण के लिए दाहोद यूनिट दो साल की अवधि के भीतर पूरी तरह से तैयार हो जाएगी. टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में चुनी गई सीमेंस इंडिया दाहोद में इन इंजनों का निर्माण करेगी और रेलवे कर्मचारियों की मदद से 35 साल के लिए 4 मेनटेनेंस डिपो- विशाखापत्तनम, रायपुर, खड़गपुर और पुणे में इन इंजनों का मेनटेनेंस होगा.
ये कारखाना उपयुक्त आर्थिक संचालक विनिर्माण के पूर्ण स्वदेशीकरण को सुनिश्चित करेंगे जो बदले में सहायक विनिर्माण इकाइयों के विकास को बढ़ावा देगा, जिससे ये सही मायने में 'मेक इन इंडिया' पहल के दृष्टिकोण को पूरा करेगी. इस परियोजना से दाहोद क्षेत्र का विकास भी होगा और क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.
माल ढुलाई के लिए वर्कहॉर्स साबित होंगे 9000 hp के इंजन
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ये हाई हॉर्स पॉवर (9000 एचपी) के इंजन भारतीय रेलवे (Indian Railways) की माल ढुलाई के लिए भविष्य के वर्कहॉर्स साबित होंगे. इन इंजनों को मुख्य रूप से पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा-डीएफसी और रेलवे के ग्रेडेड सेक्शन पर 4500 टन के डबल स्टैक कॉन्फिगरेशन में 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 200 ग्रेडिएंट में कंटेनर माल गाड़ियों को खींचने के लिए उपयोग करने की योजना है.
माल गाड़ी की स्पीड को बढ़ाने का है लक्ष्य
ऐसी ट्रेनों की औसत गति को मौजूदा 20-25 किलोमीटर प्रति घंटे से बढ़ाकर लगभग 50-60 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचाना है. संचालन मानकों में क्वांटम जम्प से थ्रूपुट में बढ़ोतरी होगी और लाइन क्षमता में भी बढ़ोतरी होगी. अत्याधुनिक आईजीबीटी आधारित ईंधन तकनीक से सुसज्जित ये इंजन रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक के कारण ऊर्जा की खपत में बचत करेंगे.
इस कारखाने में निर्यात बाजार के लिए स्टैंडर्ड गेज इंजन के निर्माण और डिलीवरी का प्रावधान है. भारतीय रेलवे ने तकनीकी साझेदार की देख-रेख में रेलवे कर्मचारियों का उपयोग करते हुए इन इंजनों के निर्माण और रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में एक निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से सीमेंस इंडिया का चयन किया है.
04:01 PM IST